NEET-JEE परीक्षा स्थगित कराने के लिए 7 राज्यों के CM जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली, नेशनल जनमत ब्यूरो
पूरा देश इस समय कोविड -19 से जूझ रहा है. स्थिति सामान्य से असामान्य होती जा रही है. लेकिन ऐसा लगता है कि मोदी सरकार को देश के युवाओं की जरा भी फ़िक्र नहीं है. इस भयावक स्थिति में भी बीजेपी सरकार ने नीट-जेईई की प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय लिया है.
कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को देखते हुए मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए ली जाने वाली नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) और जेईई (जॉएंट एंट्रेंस एक्जाम) स्थगित करने की मांग का समर्थन करते हुए विपक्षी दलों के सात मुख्यमंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है.
इसके पहले कोरोना वायरस की वजह से नीट और जेईई स्थगित करने से संबंधित एक याचिका सुप्रीम कोर्ट ख़ारिज कर चुका है. इस बीच केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने परीक्षा केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी की जानकारी देते हुए कहा है कि छात्रों के करिअर का ध्यान रखते हुए ऐतिहासिक रूप से निर्णय लिए जा रहे हैं.
विभिन्न राज्यों के 11 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि कोरोना के मद्देनजर इन्हें रद्द किया जाना चाहिए. अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ऐसा करने से छात्रों का करिअर संकट में पड़ जाएगा.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ डिजिटल बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने भी इन परीक्षाओं को रोकने के लिए राज्यों को सुप्रीम कोर्ट का रुख करने का प्रस्ताव रखा है.
वही अन्य राज्यों में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने भी इन परीक्षाओं को स्थगित करने का समर्थन किया. उधर, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नीट और जेईई की परीक्षाएं स्थगित करने की मांग करते हुए केंद्र सरकार से छात्रों के चयन के लिए वैकल्पिक पद्धति पर काम करने का अनुरोध किया.
सिसोदिया ने कहा, ‘तमाम एहतियाती कदम उठाने के बावजूद बहुत सारे शीर्ष नेता संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. ऐसे में हम 28 लाख छात्रों को परीक्षा केंद्र भेजने का जोखिम कैसे उठा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे इसकी चपेट में नहीं आएंगे.’
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने बीते बुधवार को दोपहर 12 बजे नीट के लिए प्रवेश पत्र जारी किए, जबकि कोविड-19 के मद्देनजर नीट और जेईई मेन्स परीक्षा को स्थगित करने की विभिन्न वर्गों द्वारा मांग की जा रही है.एनटीए के अधिकारियों ने दावा कि उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि 99 प्रतिशत उम्मीदवारों को उनकी प्रथम पसंद के परीक्षा केंद्र वाले शहर आवंटित किए जाएं.
इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) या जेईई एक से छह सितंबर के बीच होगी जबकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-स्नातक) 13 सितंबर को कराने की योजना है. नीट के लिए 15.97 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है .बीते बुधवार को अधिकारियों ने बताया कि जेईई मेन्स के लिये 8.58 लाख में से 7.41 लाख उम्मीदवारों ने प्रवेश पत्र डाउनलोड कर लिया है.
कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण इन प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग बढ़ रही है. देश तमाम दिग्गज इन परीक्षाओं स्थगित करने के समर्थन में हैं. लेकिन शिक्षा मंत्रालय ने जोर दिया है कि परीक्षाएं निर्धारित समय पर ही सितंबर में होंगी. बयान में कहा गया, ‘इसके अलावा जेईई-मुख्य परीक्षा के लिए पालियों की संख्या आठ से बढ़ाकर 12 कर दी गई है और प्रत्येक पाली में विद्यार्थियों की संख्या अब 1.32 लाख से घटकर 85,000 हो गई है.
इसमें कहा गया, ‘सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जेईई-मुख्य परीक्षा में छात्रों को परीक्षा कक्ष में एक सीट छोड़कर बैठाया जाएगा, जबकि नीट में एक कमरे में विद्यार्थियों की संख्या 24 से घटाकर 12 कर दी गई है.
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