डॉ. कफील को मिला प्रियंका का साथ बोले “योगी सरकार फिर किसी मामले में फंसा सकती है”
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लखनऊ, नेशनल जनमत ब्यूरो
एएमयू में सीएए के ख़िलाफ़ कथित ‘भड़काऊ भाषण’ देने के आरोप में जनवरी से मथुरा जेल में बंद डॉ. कफ़ील को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दे दी. साथ ही अदालत ने डॉक्टर कफील खान पर लगे NSA को भी हटाने का आदेश दिया है. सूत्रों के मुताबिक जमानत पर सुनवाई के दौरान दोनों राज्यों की पुलिस को कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई.
आपको बता दें रिहा होने के बाद डॉक्टर कफील ने न्यायपालिका का आभार व्यक्त किया. वही जेल में योगी सरकार द्वारा उन्हें प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया. रिहाई के बाद उन्होंने अपने भाषण में कहा कि – “योगी सरकार के आगे नहीं झुकूंगा, अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाता रहूंगा”
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वीकार किया है कि डॉक्टर. कफील खान पर उनके जिस भाषण को आधार बनाकर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत करवाई की गई उस भाषण में ऐसा कुछ नहीं है जिसे घृणास्पद माना जा सके या उस भाषण में लोक शन्ति भंग करने वाली कोई बात दिखाई देती है .
जमानत के बाद अपने भाषण में डॉ. कफील कहते हैं “मैं जुडिशरी का बहुत शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने इतना अच्छा ऑर्डर दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने एक झूठा बेसलेस केस मेरे ऊपर थोपा. बिना बात के ड्रामा करके केस बनाए गए और 8 महीने तक इस जेल में रखा. इस जेल में मुझे पांच दिन तक बिना खाना, बिना पानी दिए मुझे प्रताड़ित किया गया. मैं उत्तर प्रदेश के एसटीएफ को भी धन्यवाद दूंगा, जिन्होंने मुंबई से मथुरा लाते समय मुझे एनकाउंटर में मारा नहीं.
डॉ. कफ़ील कहते हैं, ‘सीएए के विरुद्ध भाषण मैंने 12 दिसंबर 2019 को एएमयू में दिया था जबकि मुझे 29 जनवरी को मुंबई हवाई अड्डे से गिरफ़्तार किया गया. अगर मेरा भाषण आपत्तिजनक था तो तुरंत गिरफ़्तार क्यों नहीं किया गया ?’
उनके भाई ने बताया कि जेल में इतने दिन तक इसलिए रखा गया क्योंकि वह उत्तर प्रदेश की चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था की कमियों को उजागर करते रहते हैं. डॉ कफ़ील ने यह भी कहा कि उन पर कार्रवाई इसलिए भी हुई, क्योंकि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में उन पर लगे सभी आरोप गलत साबित हो रहे थे और उन्हें जांच में क्लीन चिट मिल रही थीं.
डॉ. कफील को मिला कांग्रेस का साथ –
जेल से साढ़े सात महीने बाद बाहर आए डॉ. कफील खान को कांग्रेस पूरी तरह से साधकर अपने साथ रखना चाहती है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लगातार कफील से संपर्क बनाए हुए हैं. इस कड़ी में प्रियंका ने शुक्रवार को डॉ. कफील खान की पत्नी शबिस्ता खान को फोन कर उनके परिवार का हालचाल पूछा और अपना निजी मोबाइल नंबर भी दिया और कहा कि जरूरत पड़े तो बेझिझक उन्हें फोन करें.
डॉ. कफील खान मथुरा की जेल से बाहर आने के बाद कांग्रेस नेताओं के साथ गुरुवार को जयपुर पहुंचे. वहीं, पर कफील खान के परिवार के सदस्य भी पहुंचे हैं. कफील खान की मां, पत्नी, बच्चे और भाई फिलहाल जयपुर के एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं. गुरुवार को प्रियंका गांधी ने कफील खान से बातचीत की थी और शुक्रवार को उनकी पत्नी से बात करके हालचाल लिया है.
कफील खान को मथुरा जेल के गेट से लेकर जयपुर के रिजॉर्ट तक ले जाने वाले उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने प्रियंका गांधी से बात कराई है. शुक्रवार को सुबह साढ़े दस बजे महासचिव प्रियंका गांधी ने डॉ. कफील की पत्नी शबिस्ता खान से बात की. इस दौरान प्रियंका ने कफील की बुजुर्ग मां और उनके बच्चों की खैरियत जानी. प्रियंका ने उनको अपना निजी नम्बर भी दिया और कहा कि जब भी कोई जरूरत हो वो उन्हें बेझिझक फोन करें.
प्रियंका गांधी के निर्देश पर मथुरा से डॉ. कफ़ील को शाहनवाज़ आलम व अन्य कांग्रेस नेता राजस्थान लेकर आए हैं. गुरुवार को कफील खान ने खुद कहा है कि प्रियंका गांधी ने हमारी बहुत मदद की है. कांग्रेस ने हमारी रिहाई के लिए बहुत संघर्ष किया है. प्रियंका की सलाह पर ही वो राजस्थान गए हैं.
इस बात को कफील खान खुद भी स्वीकार कर रहे हैं कि प्रियंका गांधी के कहने पर जयपुर आए हैं. वह कहते हैं कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए हम यहां सुरक्षित रह सकते हैं. हमारे परिवार को भी ऐसा ही लग रहा है, क्योंकि यूपी जाएंगे तो कोई न कोई केस लगाकर फिर हमें जेल में डाल दिया जाएगा.
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